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याद yaad

MERA KONA
MERA KONA
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बारिशें तो होती हैं बस यूं ही तन भिगोने को,

अरसा लग जाता है दिल की कसक मिटाने को,

दिन रात तो गुजरते हैं पर गुजरती नहीं ज़िंदगी,

क्या जीना क्या मरना यूं कटती है जिंदगी,

हैं चुभते मेरी आँखों में ये टुकड़े टूटे सपनों के,

बंद पलकों में भी तेरा मुसकराना याद आता है,

मैं लगा रहा था मरहम तेरे दर्द और घावों पर,

तेरा मुझको ही कातिल ठहराना याद आता है…

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